गढ़पुर टापू के ग्रामीणों ने जताया रोष, की नारेबाजी
पुल को ऊंचा करने की उठाई मांग
इन्द्री, 20 अक्तूबर (गुंजन कैहरबा)
उपमंडल के गांव गढ़पुर टापू के पास धनौरा ड्रेन का पानी अक्सर ओवरफ्लो हो जाता है और पानी में पुल डूब जाता है। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गत दिन ड्रेन में पानी छोड़े जाने से पुल डूब गया और आस-पास पानी फैल गया तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। किसानों ने डूबे हुए पुल पर जमा होकर प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया व जमकर नारेबाजी की गई। ग्रामीणों ने पुल का लेवल ऊंचा उठाए जाने की मांग उठाई है।
ग्रामीण चंद्र दत्त, खालिद, मनीष, सोनू, नूर हसन, सोलु, सुसविन्दर, नवल, मेहरूप, गुलशन, आशु का कहना है कि पुल का लेवल काफी नीचे जा चुका है जिस कारण डे्रन में पानी आते ही पुल पानी में डूब जाता है। मजबूरी में उनको डूबे हुए पुल को खतरा मोल लेकर पार करना पड़ता है। लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। लोगों ने सरकार से पुल को ऊंचा उठाने की मांग करते हुए कहा कि इस रास्ते से चंद्रांव, चोगावां, गढ़ी बीरबल, लबकरी, मुसेपुर, समसपुर, कलसौरा, गढ़पुर टापू आदि गांवों के लोग गुजरते हैं और किसान अपनी फसल लेकर इसी रास्ते से होकर आते जाते हैं। ऐसे में पुल पर पानी जब भी आता है तो इस रास्ते से जान का खतरा उठाकर फसल को लाना ले जाना होता है। बारिश के दिनों में तो यहां हालात बहुत ही ज्यादा खराब हो जाते हैं। क्योंकि डे्रन पानी से पूरी भरी होती है और पुल भी पूरा डूबा होता है। लोग बस अंदाजे से ही पुल पार करते हैं। इस रास्ते पर लोगों के खेत भी हैं। इसलिए दिनरात का आनाजाना होता है। अंधेरे में तो पुल पार करते हुए नीचे ड्रेन में गिरने का भी खतरा बना रहता है।
ड्रेन में रसायनयुक्त पानी छोड़े जाने का भी किया विरोध-
ग्रामीणों ने बताया कि ड्रेन में यमुनानगर की फैक्ट्रियों का पानी छोड़े जाने का लोग लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। लेकिन इस समस्या से आज तक निजात नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि रसायनयुक्त पानी से सारे माहौल में दुर्गन्ध फैली रहती है। लेकिन पुल पर गुजरते गंदे पानी से गुजरने की मजबूरी के कारण भी कईं लोग एलर्जी व दाद, खाज खुजली जैसी बिमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
क्या कहते हैं कार्यकारी अभियंता-
सिंचाई विभाग के एक्सईएन मनीष शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ड्रेन पर बनाए गए पुल काजवे हैं। वे नीचे ही बनाए जाते हैं ताकि पानी नीचे से गुजर जाए और ज्यादा आने पर ऊपर से गुजर जाए। गढ़पुर टापू की स्थिति से अवगत नहीं हैं, वहां जाकर ही स्थिति के बारे में बताया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे मौके पर पहुंच कर मुआयना करेंगे।


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