काउंसलर इन्द्री में हुआ जोरदार स्वागत
इन्द्री, 19 अक्तूबर (गुंजन कैहरबा)
जर्मनी में स्टेट काउंसलर बनने वाले भारतीय मूल के पहले युवा राहुल कुमार का स्थानीय निरंकारी भवन में जोरदार स्वागत किया गया। काउंसलर के साथ-साथ राहुल जर्मनी में फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी के फ्रेंकफर्ट अध्यक्ष भी हैं। उनके साथ केएफके के चेयरमैन राजकुमार, बेला फेराज व डिंपल भी थे। निरंकारी मंडल के स्थानीय मुखी संजय बजाज, राजेन्द्र सांतड़ी, मा. ओमप्रकाश, हरपाल, ईश्वरदयाल, अंजू, मोहन लाल, दिलीप, गुलाब सिंह, निर्मला, संजना, प्रियंका, रीटा, संतोष, सुरेन्द्र, राज कुमार, धर्मपाल सहित अनेक श्रद्धालुओं ने फूलमालाओं के साथ उनका स्वागत किया।राहुल कुमार ने बताया कि वे आठ महीने के थे, जब अपने पिता राज कुमार के साथ जर्मनी चले गए थे। बीच में वे फिर भारत आए, जिस कारण उन्हें हिन्दी बोलने और समझने में दिक्कत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल का होने पर उन्हें गर्व है। उन्होंने कहा कि जर्मनी सहित यूरोप के देशों में भारतीयों की बड़ी आबादी है। लेकिन आपस में तालमेल की कमी है। वे यूरोप में भारतीयों को संगठित करने और भारत को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। भारत की संस्कृति का दुनिया में अहम स्थान है। जर्मनी में भारतीय संगीत व कलाओं को मंच देने के लिए भी वेे कोशिशें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जर्मनी में हिन्दी भाषा के फैलाव के लिए भी कोशिशें करेंगे। उन्होंने कहा कि जर्मनी और भारत के सांस्कृतिक आदान-प्रदान में दोनों देशों की भलाई है। जब उनसे भारत और जर्मनी की शिक्षा व्यवस्था के अंतर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जर्मनी में बच्चों की शिक्षा की सरकार द्वारा पूरी जिम्मेदारी ली जाती है। दसवीं के बाद जर्मनी में विद्यार्थियों के लिए उनकी रूचि के अनुसार विकल्प लेने के अनेक अवसर होते हैं। जर्मनी की शिक्षा से भारत बहुत कुछ सीख सकता है।
हरियाणा में बच्चों की शिक्षा के लिए काम करेगी केएफके-
जर्मनी में बच्चों की शिक्षा के लिए मदद कर रही केएफके चेयरमैन राज कुमार ने बताया कि जर्मनी के बाद उनकी संस्था हरियाणा में भी काम करेगी और जरूरतमंद प्रतिभावान बच्चों को मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना हम तरक्की नहीं कर सकते। शिक्षा की बदौलत ही वे जर्मनी जा पाए और वहां की राजनीति व समाज में एक स्थान बनाया।


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