रंगकर्मियों व शांतिकर्मियों ने किया इन्द्री के गांवों का दौरा
समाज, संस्कृति, शिक्षा, कृषि के बारे में जाना
गुंजन कैहरबा/निसइन्द्री, 28 अक्तूबर
सुदूर दक्षिणी राज्य केरल की शांतिकर्मी आदिला हसन, उत्तरपूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से पास आउट रंगकर्मी गोगे बाम, खिलाड़ी गोमे बाम ने उपमंडल के विभिन्न गांवों का दौरा किया। एनएसडी पासआउट रंगकर्मी नरेश नारायण, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से थियेटर में पीएचडी कर रहे रंगकर्मी गुरनाम कैहरबा, सामाजिक कार्यकर्ता महिन्द्र कुमार, अरुण कुमार, रविन्द्र कुमार, सार्थक, शमीम अब्बास, मोहम्मद रज़ा, रज़ा अब्बास, शाने रज़ा, गायक सुरजीत सिंह सरजू, राजकली, बलिन्द्र कांबोज सहित अनेक लोगों ने विभिन्न गांवों में मेहमानों का स्वागत किया। विभिन्न राज्यों से आए मेहमानों ने हरियाणा के समाज, शिक्षा, कलाओं, कृषि, खान-पान व संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की और अपने राज्यों की विशेषताओं के बारे में बताया।
आदिला, गोगे व गोमे ने गांव कैहरबा में दीपावली पर्व मनाया और स्थानीय संस्कृतिकर्मियों के साथ गांव के धार्मिक, प्राकृतिक व सांस्कृतिक स्थानों का भ्रमण किया और दीप प्रज्वलित करके विश्व शांति की कामना की। सोमवार को उन्होंने क्षेत्र के यमुना नदी व उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे गांव सैय्यद छपरा का भ्रमण किया। गांव के राजकीय स्कूल के सुधार के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में अध्यापक महिन्द्र कुमार ने जानकारी दी। स्कूल में मेहमानों ने पाम के पौधे रोपे। गांव के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। यहां तीनों ने खेतों में काम करते किसानों व महिलाओं को देखा। शमीम अब्बास के खेतों में पेड़ों पर लगे अमरूद तोड़ कर खाए। उन्होंने लड़कियों से उनकी शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त की। लड़कियों ने उन्हें बताया कि वे आगे पढऩा चाहती हैं, लेकिन गांव में आठवीं तक का ही स्कूल होने के कारण उन्हें आगे पढऩे के लिए नहीं भेजा जाता। गांव डेरा हलवाना में सुरजीत सरजू, राजकली व सूरज ने तबले की थाप के साथ गीत सुनाए। गांव नन्हेड़ा की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में तीन साल की अवधि में स्कूल सुधार व सौंदर्यीकरण के लिए किए गए कामों की तीनों मेहमानों ने प्रशंसा की।
जैविक खेती में आगे बढ़े हरियाणा: आदिला
देश के विभिन्न स्थानों पर शांति के लिए काम कर रही आदिला हसन ने कहा कि हरियाणा खेती में बहुत आगे है। अब हरियाणा को जैविक खेती की दिशा में आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सैय्यद छपरा में लड़कियों का आगे ना पढ़ पाना उन्हें अंदर तक परेशान कर गया।
बहुओं को पर्दे में रखना चिंताजनक: गोगे
रंगकर्मी गागे बाम ने कहा कि हरियाणा की प्रतिभाओं और उनकी रचनात्मकता को बेमिसाल बताया। साथ ही यहां के नकारात्मक पहलुओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हरियाणा के गांवों में आज भी बेटियों व बहुओं में फर्क होता है। बहुओं को पर्दे में रखा जाता है। लडक़ों को खाना बनाना नहीं आता और ना ही सिखाया जाता। बहुत से गांवों में लड़कियों को बाहर पढऩे के लिए नहीं भेज पाते। यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में लडक़ों व लड़कियों में अंतर नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के इन्द्री क्षेत्र का भ्रमण उनके लिए बहुत ज्ञानवर्धक रहा है।


